शिक्षा के सामाजिक आधार शिक्षा तथा समाज मे अटूट सम्बन्ध है। जैसा समाज होगा वैसी ही वहां की शिक्षा व्यवस्था होगी। आधूनिक समाज विज्ञान पर विशेष बल आदर्शवादी समाज आध्यात्मिक विकास पर बल भौतिकवादी समाज भौतिक सम्पन्नता पर बल प्रयोजनवादी समाज क्रिया एवं व्यवहार पर बल जन्तन्त्रवादी समाज लोकतान्त्रिक आदर्शो पर आधारित शिक्षा एक सामाजिक प्रक्रिया है। समाज सामाजिक सम्बन्धों का जाल होता है। शिक्षा का समाज पर प्रभाव सामाजिक विरासत का संरक्षण सामाजिक भावना को जाग्रत करना समाज का राजनैतिक विकास समाज का आर्थिक विकास सामाजिक नियन्त्रण् सामाजिक परिवर्तनों को बढ़ावा सामाजिक सुधार बालक का सामाजीकरण समाज का शिक्षा पर प्रभाव शिक्षा के स्वरूप का निर्धारण शिक्षा के उददेश्य का निर्धारण शिक्षा की पाठयचर्या का निर्धारण शिक्षण विधियों का निर्धारण विद्यालय के स्वरूप का निर्धारण प्रबन्धन के तरीकों का निर्धारण शैक्षिक समाजशास्त्र की प्रकृति शैक्षिक समाजशास्त्र शैक्षिक समस्याओं के लिए समाजशास्त्र का प्रयोग है। यह शिक्षाशास्त्री
शिक्षा का मनोवैज्ञानिक आधार अधिगम अन्तर्दृष्टि का सिद्धान्त सूझ का सिद्धान्त Gestalt theory, Insight theory गेस्टाल्टवाद पूर्णाकार समग्रता जर्मन शब्द वर्दिमर कोहलर कोफका लेविन दवारा सिद्धान्त की विशेषताएं 1 इसमे व्यकति समस्या का पूर्ण रूप से अवलोकन करता है। 2 यान्त्रिक क्रियाओं की अपेक्षा उददेश्य पूर्ण व चेतना बद्ध प्रयास पर बल दिया। 3 समस्या का समाधान अचानक व्यक्ति के मस्तिष्क मे आता है। 4 प्रयास व त्रुटि व अनुबन्धन द्वारा सीखने को नही माना। 5 अधिगम हमेशा उददेश्य पूर्ण खोजपरक एवं सृजनात्मक होता है। 6 सूझ के लिए समस्यातमक परिस्थिती आवश्यक है। 7 पूर्व अनुभव सहायक। 8 सूझ के लिए अभ्यास की आवश्यकता नही। 9 इस प्रकार के अधिगम का दूसरी स्थिति मे transfer हो सकता है। प्रयोग इन्होने अपना प्रयोग एक चिम्पेन्जी पर किया उसको एक पिंजरे में बन्द किया और छत से केला लटका दिया तथा एक लकड़ी का बक्सा रख दिया। सुल्तान ने उछल कर केले को पाने का प्रयास किया परन्तु वह असफल रहा। वह कोने में बैठ गया और पूरी परिस्थिति का सही से अवलोकन किया तभी उसके मस्तिष्क में एक विचार
Sir I need more material plss help me
ReplyDeleteHello ....
ReplyDeleteThanku so much.
Si
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