Skip to main content

दर्शन परिचय introduction to philosophy

 शिक्षा के दार्शनिक तथा समाजिक आधार

परिभाषाएं

शिक्षा का अभिप्राय बालक और मनुष्य के शरीर मन, तथा आत्मा के बहुमुखी तथा सवोत्तम विकास से है। महात्मा गांधी

मनुष्य की अन्तनिहित पूणता की अभिव्यक्ति ही शिक्षा है। विवेकानन्द

सर्वोत्तम शिक्षा वह है जो हमे सूचना ही नही देती अपितु हमारे जीवन और सष्टि में समरसता पैदा करती है । टैगोर

शिक्षा कार्य मनुष्य के शरीर और आत्मा को वह पूर्णता प्रदान करना है जिसके कि वह याग्य है प्लेटो

शिक्षा व्यक्ति की उस पूर्णता का विकास है जिसकी उसमे क्षमता है काट

व्यक्ति की जन्मजात शक्तियों का स्वाभाविक समरस तथा प्रगतिशील विकास ही शिक्षा है पेस्टालोजी

दर्शन ज्ञान का विज्ञान है फिक्टे
दर्शन विज्ञानों का विज्ञान है काम्टे
दर्शन विज्ञानों का समन्वय है । स्पेन्सर
दर्शन विज्ञान तथा ज्ञान की समीक्षा है। कांट

शिक्षा तथा दर्शन का सम्बन्ध
शिक्षा तथा दर्शन एक ही सिक्के के दो पहलू हैं रास
सामान्य अवस्था मे दर्शन शिक्षा का ही सिदान्त है जान डयूवी

दर्शन का शिक्षा पर प्रभाव
दर्शन सिदान्तवादी और चिन्तनशील है तथा शिक्षा व्यवहारिक है बटलर
दर्शन शिक्षा के उददेश्यों का निर्धारण करता है
दर्शन पाठयक्रम का निर्धारण करता है
दर्शन शिक्षा विधी का निर्धारण करता है
दर्शन अनुशासन के स्वरूप का निर्धारण् करता है
दर्शन विधलय व्यवस्था के स्वरूप का निर्धारण करता है

शिक्षा का दर्शन पर प्रभाव
शिक्षा दर्शन को जीवित रखती है
शिक्षा दर्शन को गतिशील रखती है

दर्शन
तत्व मीमांसा
ज्ञान मीमांसा
मूल्य मीमांसा


तत्व मीमांसा Metaphysics
ग्रीक भाषा के Meta+physics से बना है
मेटा के परे
फिजिक्स भौतिक
अर्थात भौतिक से परे

सामग्री
आत्मा क्या है
जीव क्या है
ईश्वर का अस्तित्व है या नही
ईश्वर एक है या अनेक
ईश्वर का स्वरूप कैसा ह
Epistemology= Episteme+logy
ज्ञान विज्ञान
6 प्रश्न
 ज्ञान का स्वरूप क्या है
 ज्ञान के स्त्रोत क्या हैं
 क्या यथार्थ का ज्ञान सम्भव है
 ज्ञान के साधन कौन कौन से हैं

मूल्य मीमांसा
Axiology ()Greek word)
Axio = मूल्य
Logy = विज्ञान
नीतीशास्त्र Ethics
उपशाखा
सौन्दर्यशास्त्र Aesthetic
नीतिशास्त्र उन मूल्य संबंधी समस्याओं का अध्ययन जो आचरण में मूल्यों के प्रयोग से सरोकार रखती हैं
सौन्दर्यशास्त्र उन समस्याओं का अध्ययन जो कलाकरतियों से सम्ब्न्धित है सुन्दरता असुन्दरता का मानदंड सौन्दर्य अनुभूति की प्रकृति ।
मुख्य बिन्दु
 शिक्षा के उद्देश्य मूल्य मीमांसा
 पाठ्यक्रम निर्माण तत्व मीमांसा
 पाठ्यक्रम विषय ज्ञान मीमांसा
 शिषण विधियां ज्ञान मीमांसा
 अनुशासन मूल्य मीमांसा
शिक्षा दर्शन के अध्ययन संबंधी उपागम



Comments

Popular posts from this blog

शिक्षा के सामाजिक आधार Sociological basis of education

शिक्षा के सामाजिक आधार शिक्षा तथा समाज मे अटूट सम्बन्ध है। जैसा समाज होगा वैसी ही वहां की शिक्षा व्यवस्था होगी। आधूनिक समाज विज्ञान पर विशेष बल आदर्शवादी समाज आध्यात्मिक विकास पर बल भौतिकवादी समाज भौतिक सम्पन्नता पर बल प्रयोजनवादी समाज क्रिया एवं व्यवहार पर बल जन्तन्त्रवादी समाज लोकतान्त्रिक आदर्शो पर आधारित शिक्षा एक सामाजिक प्रक्रिया है। समाज सामाजिक सम्बन्धों का जाल होता है। शिक्षा का समाज पर प्रभाव सामाजिक विरासत का संरक्षण सामाजिक भावना को जाग्रत करना समाज का राजनैतिक विकास समाज का आर्थिक विकास सामाजिक नियन्त्रण् सामाजिक परिवर्तनों को बढ़ावा सामाजिक सुधार बालक का सामाजीकरण समाज का शिक्षा पर प्रभाव शिक्षा के स्वरूप का निर्धारण शिक्षा के उददेश्य का निर्धारण शिक्षा की पाठयचर्या का निर्धारण शिक्षण विधियों का निर्धारण विद्यालय के स्वरूप का निर्धारण प्रबन्धन के तरीकों का निर्धारण शैक्षिक समाजशास्त्र की प्रकृति शैक्षिक समाजशास्त्र शैक्षिक समस्याओं के लिए समाजशास्त्र का प्रयोग है। यह शिक्षाशास्त्री...

शिक्षा के मनोवैज्ञानिक आधार Psychological foundation of education

शिक्षा का मनोवैज्ञानिक आधार अधिगम अन्तर्दृष्टि का सिद्धान्त सूझ का सिद्धान्त Gestalt theory, Insight theory गेस्टाल्टवाद पूर्णाकार समग्रता जर्मन शब्द वर्दिमर कोहलर कोफका लेविन दवारा सिद्धान्त की विशेषताएं 1 इसमे व्यकति समस्या का पूर्ण रूप से अवलोकन करता है। 2 यान्त्रिक क्रियाओं की अपेक्षा उददेश्य पूर्ण व चेतना बद्ध प्रयास पर बल दिया। 3 समस्या का समाधान अचानक व्यक्ति के मस्तिष्क मे आता है। 4 प्रयास व त्रुटि व अनुबन्धन द्वारा सीखने को नही माना। 5 अधिगम हमेशा उददेश्य पूर्ण खोजपरक एवं सृजनात्मक होता है। 6 सूझ के लिए समस्यातमक परिस्थिती आवश्यक है। 7 पूर्व अनुभव सहायक। 8 सूझ के लिए अभ्यास की आवश्यकता नही। 9 इस प्रकार के अधिगम का दूसरी स्थिति मे transfer हो सकता है। प्रयोग इन्होने अपना प्रयोग एक चिम्पेन्जी पर किया उसको एक पिंजरे में बन्द किया और छत से केला लटका दिया तथा एक लकड़ी का बक्सा रख दिया। सुल्तान ने उछल कर केले को पाने का प्रयास किया परन्तु वह असफल रहा। वह कोने में बैठ गया और पूरी परिस्थिति का सही से अवलोकन किया तभी उसके मस्तिष्क में एक विचार...

Download e book for ugc net

Down load t his book ....