प्रकृतिवाद(Naturalism)
अनुभववादपरमाणुवाद
शक्तिवाद
प्रवर्तक डेमोक्रिटस
प्रमुख विचारक
अरस्तु काम्टे हाब्स बेकन डार्बिन लेमार्क रूसो स्पेन्सर हक्सले
प्रकृति पर सबसे अधिक बल
ईश्वर में विश्वास नही ।
आत्मा को पदार्थ के अधीन मानते हैं।
भौतिक संसार के अलावा कोइ संसार नही।.
प्रथम बार यौन शिक्षा स्त्री शिक्षा जन शिक्षा
प्रकृति पर सबसे अधिक बल
ईश्वर में विश्वास नही ।
आत्मा को पदार्थ के अधीन मानते हैं।
भौतिक संसार के अलावा कोइ संसार नही।.
प्रथम बार यौन शिक्षा स्त्री शिक्षा जन शिक्षा
रूप
परमाणुवादी ; संसार का निर्माण छोटे छाटे परमाणु से हुआयान्त्रिक मानव को यन्त्र माना है
वैज्ञानिक विश्व का निमार्ण शक्ति कणों के मिलने से
जैविक मनुष्य का विकास कृमिक जैविक विकास के कारण हुआ है
तत्व मीमांसा
प्रकृति सर्वोपरि हैसभी का उदगम और अन्त इसी में होता है ।
परमात्मा का अस्तित्व नही।
ब्रहमांड एक प्राकृतिक रचना है।
ज्ञान मीमांसा
यह अनुभववाद पर बलप्रकृति ज्ञान सच्चा ज्ञान
इन्द्रियों से प्राप्त ज्ञान सच्चा ज्ञान होता है
प्रकृति की और लोटो
सीधे और मूल ज्ञान पर बल।
ज्ञानेन्द्रियों व कर्मेन्द्रियों के दावारा ज्ञान।
मूल्य मीमांसा
मूल्य के शाश्वत होने में विश्वास नही।सभी मूल्यों का अस्तित्व प्रकृति में है।
प्रकृतिवाद तथा शिक्षा
पुस्तकीय ज्ञान का विरोध
निषेधात्मक शिक्षा बच्चों को गलतियों से बचाना
बालकेन्द्रित शिक्षा
स्वतन्त्रता
शिक्षा के उददेश्य
शिक्षा आनंदमयी हो।शिक्षा के उददेश्य परिवर्तनशील।
प्रकृति से अनुकूलन
अवकाश काल का सदउपयोग
मूल प्रवृत्तियों का शोधन
बाल केन्द्रित शिक्षा
आत्मरक्षा सम्बन्धी गुणों का विकास जीवीकोपार्जन
सन्तति पालन
जीवन संधर्ष की तैयारी
पाठयक्रम
विज्ञान गणित भूगोल मनोविज्ञान इतिहास कला भा्षा साहित्य इन्द्रिय प्रशिक्षण भोतिक रसायन अर्थशास्त्रपाठयक्रम उपयोगी होना चाहिए
सैद्धान्तिक नही वरन व्यवहारिक
शिक्षण विधियां
खेल विधिक्रिया विधि
भ्रमण विधि
Books of Rousseau
AmileDiscourse on the science ad arts
Origin of inequality among men.
Discourse on political economy.
The social contract.
confessions.
शिक्षक
प्रकृति ही शिक्षकशिक्षक का स्थन पर्दे के पीछे
अनुशासन
प्राकृतिक परिणामो दारा अनुशासन
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