यथार्थवाद (Realism)
प्रतिपादक और समर्थकअरस्तू
लाक
बेकन
कमेनियस
यह विज्ञान पर आधारित है।
वैज्ञानिक ज्ञान को सत्य तथा पदार्थ को वास्तविक ।
चारों और का संसार यथार्थ है।
जगत उसी रूप में स्वीकार जिस रूप में वह दिखायी देता है।
वैज्ञानिक विधि का सर्वाधिक महत्व
विश्व जैसा है जहां है।
यथार्थवाद के प्रकार
मानवतावादी यथार्थवादीयह मानव को केन्द्र मानता है।
सामाजिक यथार्थवादी
ये पुस्तकीय ज्ञान को बेकार मानते हैं।
समाज के साथ समायोजन मे ही मनुष्य का सुख।
ज्ञानेन्द्रिय यथार्थवाद
व्यक्ति का प्रकृति पर अधिकार करना शिक्षा का उददेश्य है।नव यथार्थवाद तथा वैज्ञानिक यथार्थवाद
कला और विज्ञान दोनो के अध्ययन पर बल।
इनके अनुसार विज्ञान के नियम भी परिवर्तशील हैं।
ज्ञान मीमांसा
सत्य की प्राप्ति के लिए वैज्ञानिक विधि का प्रयोग।धर्म को ढोंग माना परन्तु ईश्वर को भी माना
शिक्षा के उददेश्य
बालक को वास्तविक जीवन के लिए तैयार करनाशारीरिक विकास इन्द्रिय प्रशिक्षण
वैज्ञानिक द्रष्टिकोण का विकास
सृजनात्मक शक्ति का विकास
सामाजिक कुशलता का विकास
सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास
सामुदायिक विदालयों का विकास
आत्मा और आध्यात्मिक ज्ञान को स्वीकार नही करते।
विशेषताएं
ज्ञानेन्द्रियों के प्रशिक्षण पर बलपुस्तकीय ज्ञान का विरोध
व्यवहारिक ज्ञान पर बल
वैज्ञानिक विषयों पर बल
तत्व मीमांसा
बहुतत्ववादी और नियतवादी दर्शन है।वास्तविक संसार मानसिक संसार से अलग है।
जो अनुभव किया जाता है वही यथार्थ है।
मूल्य मीमांसा
मूल्य बाह्य होते हैं।सामाजिक मूल्य
शिक्षा के उददेश्य
वास्तविक जीवन के लाए तैयार करना।शारीरिक विकास
इन्द्रिय प्रशिक्षण
मानसिक विकास
वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास
सृजनात्मक शक्ति का विकास
प्राकृतिक व सामाजिक वातावरण का ज्ञान।
व्यवहारिक ज्ञान पर बल
आदर्शवाद का विरोध
आत्मा का अस्तित्व व आध्यात्मिक ज्ञान को नही माना।
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